Best Loan Options for Fulfilling Immediate Financial Needs :- पैसे की तत्काल जरूरत को पूरी करने के लिए कौन सा लोन लेना रहेगा बेहतर पैसा से की अचानक जरूरत पड़ने पर लोन लेना पड़ सकता है। इसके लिए बहुत से विकल्प हैं। आप अपने एफडी पर लोन, गोल्ड लोन या म्यूचुअल फंड पर लोन ले सकते हैं। पर्सनल लोन भी एक विकल्प है लेकिन ये सैलरी वालो के किए है। सभी की अपनी खूबियां और खामियां भी हैं। ब्याज दर, कर्ज तत्काल मिलने की सहूलियत और कम दस्तावेज की जरूरत इसके पैमाने हैं। इस आधार पर शॉर्ट-टर्म लोन का कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है? आइए समझते हैं…
पर्सनल Loan:
पर्सनल लोन पर साल में 17-18% या उससे भी अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है। ये आपके सिविल स्कोर पर निर्भर करता है। हालाकि ये पैसे की तत्काल जरूरत पूरी करने के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक हैं, पर इन्हें जल्द चुका देना चाहिए। लेकिन क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेने से जरुर बचें। इनपर सालाना 30% या इससे भी ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है। वैसे ब्याज दर के मामले में अन्य विकल्प भी काफी बेहतर साबित हो सकते हैं।
गोल्ड Loan:
सोने की कीमतें हर दिन बढ़ रहे है इसी को देखेत हुए सोने की कीमतें अभी 75,000 रुपए तक प्रति 10 ग्राम पहुंचने के चलते इन दिनों गोल्ड लोन और भी आकर्षक हो गए हैं। आप अपने या अपने परिवार के गहने गिरवी रखने पर अब पहले से ज्यादा लोन मिले सकता है। पर्सनल लोन की तुलना में इस पर ब्याज दरें बहुत ही कम 10-12 फीसदी से ब्याज लगता हैं। हालांकि यदि आप लोन चुकाने में चूक जाते हैं डिफॉल्ट, तो आपका सोना जब्त भी किया जा सकता है हालांकि आपको इस बात का विशेष ध्यान जरुर रखे ओर अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ सकते हैं।
एफडी पर Loan:
लोन के साथ बचत भी बरकरार रखना चाहते है आप तो बैंक के एफडी को तोड़े बगैर उस पर लोन ले सकते हैं। इस तरह बैंक में जमा बचत बरकरार रखने के फायदे के साथ ही जरूरी नकदी भी मिल जाती है। और एफडी लोन पर लागू ब्याज दरें (12-15%) भी पर्सनल लोन की तुलना में कम हैं। ये लोन भी आसानी से तत्काल मिल जाता है। साथ ही इसके लिए बैंक के पास ज्यादा दस्तावेज जमा करने की जरूरत भी नहीं होती ये आपके लिए काफी फयदेमंत साबित हो सकता है।
म्यूचुअल फंड Loan:
म्यूचुअल फंड बाजार से जुड़े जोखिम का ध्यान रखें लोन के लिए सिक्युरिटी के तौर पर म्यूचुअल फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालाकि इसका अभी ब्याज दर 12-14 फीसदी है। इसमें लंबी अवधि का निवेश भी बना रहता है और जरूरी कैश लोन भी लिया जा सकता है। हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते है। अगर लोन चुकाने से पहले म्यूचुअल फंड यूनिट्स की कीमत गिर जाती है, तो आपको लोन का अनुपात बनाए रखने के लिए अतिरिक्त यूनिट्स बेचने पड़ सकते हैं। इससे नुकसान हो सकता है। इस पहलू का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।